चित्र-वर्णन के सशक्त उदाहरण चित्र कहानियाँ, कार्टून, कॉमिक्स आदि हैं, जिन्हें बच्चे खूब पसंद करते हैं। हो सकता है, बड़े लोग उनको न समझ पाएँ लेकिन बच्चे अपनी कल्पना शक्ति के बल पर इन चित्रों/कार्टूनों से अपनी नयी दुनिया खड़ी कर लेते हैं। कल्पना शक्ति सभी व्यक्तियों में होती है किंतु वे किसी एक ही वस्तु स्थिति के संदर्भ अलग-अलग काल्पनिक निष्कर्ष तक पहुँच सकते हैं। उदाहरण के लिए चित्र को देखिए:
इस चित्र में खड़ा दिख रहा एकमात्र पेड़ बताता है कि हमारे जीवनदाता वृक्ष काटे ज्यादा जा रहे हैं और लगाए कम। वृक्ष जो प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने का कार्य करते हैं यदि समाप्त होंगे तो एक दिन इस धरती से सभी जीवधारी भी समाप्त हो जायेंगे। अतः हमें वृक्ष लगाने चाहिए और उन्हें काटना बंद करना चाहिए। या फिर दुसरे छात्र इस प्रकार भी चित्र का वर्णन कर सकते हैं:
पर्यावरण परिवर्तन के कारण आने वाले विनाश के गवाह के रूप में खड़ा यह एकमात्र पेड़ मनुष्य के लालच और प्रकृति के विनाश को बता रहा है। यदि मनुष्य प्रकृति के साथ यों ही छेड़छाड़ करता रहा तो एक दिन यह धरती वृक्षों से ही नहीं जीवन से भी हीन हो जाएगी। आवश्यकता है पेड़ों का संरक्षण किए जाने की।
आप अपने अनुसार 20 से 30 की शब्द सीमा में रहते हुए इस दृश्य को के बारे में लिख सकते हैं I इस दृश्य का वर्णन कर सकते हैं I यदि आप इन दोनों प्रकार में से किसी भी प्रकार से इसका वर्णन करते हैं तो वह उचित ही माना जाएगा I यह आत्मपरक होता है I कोई भी छात्र इस चित्र का वर्णन अपने अनुसार करेगा I यह भिन्न हो सकते हैं ,यहां पर अंक नहीं काटे जाते हैं ।
जो भी हो, जो छात्र जितना अधिक कल्पनाशील होगा तथा जिसका अनुभव संसार जितना अधिक व्यापक होगा, उतना ही वह उस चित्र की बातों को समझ सकेगा। समझने के बाद अब बात आती है अभिव्यक्ति की क्योंकि किसी एक चित्र को अलग-अलग भाषा बोलने वाले बच्चे अपने-अपने अनुभव और कल्पना शक्ति के आधार पर समझ हो सकते हैं पर हिंदी में वे ही उसका वर्णन कर सकते हैं, जिनका हिंदी पर अधिकार है। अतः चित्र वर्णन के लिए भाषा पर अच्छे अधिकार की अपेक्षा होती है।
वर्णन के लिए जो चित्र दिए जाते हैं उनमें किसी घटना का वर्णन हो सकता है। कुछ गतिविधियाँ हो सकती हैं, लोगों की विभिन्न भाव-भंगिमाएँ हो सकती है, कोई प्राकृतिक दृश्य हो सकता है ।
6. चित्र वर्णन करते समय छोटे-छोटे सरल वाक्यों का प्रयोग करें।
7. परीक्षा की अपेक्षाओं के अनुसार चित्र-वर्णन के लिए लगभग 50 शब्द निर्धारित हैं। अतः छोटे-छोटे पदबंधों या वाक्यांशों के माध्यम से वर्णन करें। लंबे वाक्यों का प्रयोग न करें।
8. जहाँ तक हो सके अलंकारपूर्ण, मुहावरेदार तथा लोकोक्तियों से युक्त भाषा के प्रयोग से बचें। शब्द को ध्यान में रखते हुए जितना अधिक हो सके, अपनी अभिव्यक्ति को संक्षिप्त बनाएँ।
9. विराम-चिह्नों का उचित प्रयोग करें।
10. ध्यान रखें, वर्णन जितना स्वाभाविक होगा, उतना ही पाठक के लिए ग्राह्य होगा। अतः वर्णन में अतिरंजकता से बचें।
छात्रों को चित्र वर्णन करना सिखाने के लिए यह आवश्यक है कि चित्र में होने वाली घटनाओं, गतिविधियों, स्थितियों आदि से संबंधित लघु प्रश्न तैयार किए जाएँ और छात्रों से कहें कि वे चित्र को देखकर उन प्रश्नों के उत्तर एक जगह लिख लें।
बाद में छात्र इन लघु उत्तरों के आधार पर आसानी से चित्र वर्णन कर सकेंगे। उदाहरण के लिए नीचे दिए गए चित्र का वर्णन करें।
अस्पताल में कुछ लोग कुरसी पर बैठे दिखाई दे रहे हैं। शायद वे लोग अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उनके सामने पूछताछ के लिए काउंटर्स लगे हैं, जहाँ एक स्त्री ओर एक पुरुष काम कर रहे हैं। काउंटर पर एक अन्य व्यक्ति वहाँ से मिला एक पेपर देख रहा है। यहाँ एक सूचनापट्ट लगा है, जिस पर लिखा है- 'शांति बनाएँ रखें। उसके पीछे एक नर्स एक महिला को व्हीलचेअर बँधा है। नर्स अस्पताल के यूनिफॉर्म में है। पर लाते दिखाई दे रही है। महिला के पैर पर प्लास्टर नर्स के पीछे एक वॉर्ड है, जिसके ऊपर आई सी यू लिखा हुआ है। इसके पास दीवार
पर दो सूचनापट्ट लगे हैं, जिन पर लिखा है नेत्रदान और रक्तदान महादान। इस दीवार के पास एक वॉर्ड है। इसमें से एक वॉर्डबॉय बाहर निकलता दिखाई दे रहा है। वॉर्ड के वहीं पर एक स्त्री गोद में एक शिशु को लिए खड़ी है। पास ही एक बालक भी खड़ा है। उसके सामने ऊपर भी सूचना लिखी है रोगी से अधिक बातें न करें। एक डॉक्टर खड़ा दिखाई दे रहा है। ऊपर रोगी से मिलने के समय संबंधी सूचना लिखी है। चित्र में एक और सूचना लिखी हे छोटा परिवार-सुखी परिवार ।